जलना
जलने की घटना आम जिंदगी में स्वाभाविक है। कभी न कभी लगभग हर व्यक्ति के साथ यह घटना घटित होती है। हम किसी भी कारण से जल सकते है जैसे आग ,गरम वस्तु को छूना,गरम तरल पदार्थ का शरीर के किसी भाग से पर गिर जाना आदि। महिलाओ को तो रसोई में काम करते समय छोटी-मोटी जलनी की चोट लगती रहती है।अगर जलने का घाव ज्यादा हो ,तो हमें तुरंत डॉक्टर के पास जाना चाहिए क्योंकि जलने के बाद संक्रमण फैलने का खतरा ज्यादा रहता है। अगर डॉक्टर कहे तो टिटनेस का इंजेक्शन लगवा लेना चाहिए।
जल जाने पर उपचार
तुलसी के पत्तों का रस और नारियल के तेल को उबाल कर, ठंडा होने पर जले भाग पर लगाए।इससे जलन शांत होती है और घाव भी शीध्र मिट जाते हैं।
प्याज को पीसकर लगाने से जलन काम होती है।
आलू को पीसकर लगाने से शीतलता का अनुभव होता है।
गाय के घी से लेप करना चाहिए।
एलोवेरा का गूदा लगाने से फफोले नहीं पड़ते है।
कच्चे बथुए का रस लगाने से आराम मिलता है।
ग्लिसरीन लगाने से जलन शांत होती है और फफोले भी नहीं पड़ते है।
जल जाने पर नारियल का तेल लगाना चाहिए। जलन में काफी आराम प्रदान करता है।
जली हुई जगह पर सरसो का तेल लगाकर नमक लगाए,फफोले नहीं पड़ेगे।
आग से जल जाने पर हीग को पानी में घोलकर जले हुए स्थान पर लगाने से फफोले नहीं पड़ते है। यह पानी हर दो तीन घंटे में लगाना चाहिए।
यदि गरम तेल से कोई अंग जल जय तो पुराना चूना ले और इसे दही के साथ पानी में पीसकर घाव पर लगाए,आराम मिलेगा।
जल जाने पर तिल पीस कर लगाने से जलन और दर्द में आराम मिलता है और फफोले भी नहीं पड़ते है।
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